पिता और पुत्र के बीच विश्व जल दिवस पर संवाद
पिता: अखिल , तुम कहाँ गये थे?
अखिल: मैं अपने दोस्त सुमन के घर गया था | उनके यहाँ पानी की कमी थीं| मैं उनको हमारे घर से दो बोतल पानी देने गया था|
पिता: पानी के बिना बहुत मुश्किल है| उनके यहाँ पानी क्यों नहीं आ रहा हैं?
अखिल: वे लोग पानी अनावश्यक बहाते हैं| सुमन का परिवार फ्लैट मे रह्ते हैं और पानी का दुरुपयोग करते हैं| इस कारण हर दिन चार घण्टे ही पानी आता है|
पिता: हमें पानी का दुरुपयोग ना करके उनको सँभालकर रखना चाहिए| वर्षा के पानी की बचत को अँग्रेज़ी में रैन वाटर हार्वेस्ट कह्ते हैं|
अखिल: ठीक है पिताजी| मैं ये सब बातें सुमन और उसके घरवालों को बताऊँगा और पानी का संरक्षण करने को कहूँगा|
पिता: इसीलिये तो कहा है बेटा “अगर इस धरती पर जादू हैं तो वह पानी है| “— Lakshmi Subhash, Teacher